001 सरस्वती वंदना.pdf
002 अन्दर इक तूफ़ान सतह पर ख़ामोशी का पहरा था.pdf
003 अंधेरों का मैं पैरहन ओढ़ लूँ.pdf
004 अगरचे मुझको समर्पित किसी का यौवन था.pdf
005 अपनी ख़ुशियां सभी निसार करूँ.pdf
007 अपने अपने कान बंधक रख दो, आंखें फोड़ लो.pdf
008 अपनों के दरमियान सलामत नहीं रहे.pdf
009 अब कहाँ मधुमास अपने गाँव में -.pdf
010 अब कोई वहशतो-दहशत के ये मंज़र न लिखे.pdf
011 अब तो मैं रोज़ घर में रहता हूँ.pdf
012 अब भी मंजू हसीन लगती है.pdf
013 अभी तक हैं दर-ए अहसास पर लम्हे गिरां कितने.pdf
014 अक्षरों से शब्द बेकल हो गए.pdf
015 आइये मेहरबां और पास आइये.pdf
016 आईना ये खता नहीं करता .pdf
017 आओ तुम आकर बसा दो मेरे ख़्वाबों के खंडर .pdf
018आँखेँ, ज़ुल्फ़े, होंठ और गाल देखते रहे .pdf
019 आँखों से कुछ छुपा नहीं रहता .pdf
020 आँखों से जब दूर हुआ .pdf
021 आँखों से इस्कैन किया .pdf
022 आँच के पास आ गया कोयला.pdf
023 आग- पानी के आस पास रही.pdf
024 आगाज़ मुबाइल है अंजाम मुबाइल है.pdf
025 आ गया इन्तख़ाब का मौसम.pdf
026 आज भर दीजिये ये मन मेरा.pdf
027 आज भी मेरा दामन खाली, आज भी दिल वीरान.pdf
028 आदमी बुलबुला है पानी का.pdf
029 ऑनलाइन ग़म दिखा.pdf
030 आपका जो ख़त पढ़ा .pdf
031 आपके हुस्न की लताफ़त हूं.pdf
032 आपको देखा जो मैंने ख़्वाब में .pdf
033 आपको हो नहीं कोई ग़म.pdf
034 आप बताएं क्या है सच .pdf
035 आप से मेहरबान का वादा .pdf
036 आस्थाओं का मुसाफ़िर खो गया .pdf
037 आस्मां से छिन गया जब चांद तारों का लिबास.pdf
038 इक नशा सा ज़हन पर छाने लगा.pdf
039 इक हवेली में बैचैन थे बामो- दर.pdf
040 इशारा,तबस्सुम, नज़ाकत जवानी.pdf
041 इस दौर के भारत का अंदाज़ अनूठा है.pdf
042 ईंट गारे का था हमारा घर .pdf
043 ईश्वर अंश भला इंसान .pdf
044 उजाले बांटने जो चल पड़े हैं .pdf
045 उनसे मिल कर भाव विह्वल हो गए .pdf
046 उभरेगा कभी जो है अभी डूबता चेहरा.pdf
047 उमीदों की बस्ती सजी, तुम न आये .pdf
048 उलझनों की आंच में तपकर पयम्बर1 बन गये .pdf
049 उलझनों के गांव में दुश्वारियों का हल भी है.pdf
050 उसकी सारी ख़ूबियाँ ख़ुद जलवागर करता रहा.pdf
051 उसके तन में बसी हुई ख़ुशबू .pdf
052 उसको चिंता रहती है बस अपने मान और शान की.pdf
053 उसे शुह्रतों की हवा लगी, तभी चार दिन में बहक गया .pdf
054 एक औरत ही आदम की तक़दीर थी.pdf
055 एक पल नहीं लगता उनको रूठ जाने में .pdf
056 एक सुन्दर ग़ज़ल सुनाओ न.pdf
057 ऐ यार मेरे हिज्र के जंगल को जला दे .pdf
057 ऐ यार मेरे हिज्र के जंगल को जला दे.pdf
058 क्या कशिश थी तेरे बहाने में.pdf
059 करुं न गिला.pdf
060 क़र्फ़्यु लगा है रात में बाहर न जाइए .pdf
061 कर के सुमिरन पकाई है रोटी .pdf
062 करता आया अब तक पाप .pdf
063 कहीं ऐसा न हो कि ज़िन्दगी साग़र में ढल जाए.pdf
064 कहीं वहशतनुमां अंगड़ाइयां हैं.pdf
065 काबे से निकल के भी हैं इक काबे के अंदर .pdf
066 काली रात का टीका चाँद .pdf
067 काविर्शो1 का काफि़ला2 उनकी नवाजि़श3 पर रूका.pdf
068 किनारे खड़ा था भला आदमी.pdf
069 किसी की आंखों में बेहद हसीन मंज.pdf
070 किसी के लिये आशिकी है मुहब्बत .pdf
071 कुर्सियाँ हैं कहाँ फैला अख़बार है .pdf
072 कोई दरवेश ये कह कर गया है.pdf
073 क़ह्क़हों के दिए जलाओ न.pdf
074 क़ाफ़ियों के पहरे में शे’रियत बरसती है .pdf
075 क़ुरबत की तल्खियों से पिघलने लगी है शाम.pdf
076 कैसी बंदिश है कोई भी पसे-मंज़र न लिखे.pdf
077 कौन कहता है ये झमेला है.pdf
078 कौन चाहेगा तुम्हें आफ़ात में .pdf
079 ख़्वाबों के दरीचों से न अब रूप दिखाओ .pdf
080 ख़त्म बेटों का फ़ोन आना हुआ.pdf
081 ख़ुदा के दर पे मैं अपनी इबादतें रख दूँ.pdf
082 ख़ुशनुमा लमहों के पंछी छत बदलते ही रहे.pdf
083 खुशियों का दीदार है औरत -.pdf
084 खूबसूरत लगा चांद कल.pdf
085 खैरियत रुखसत हुई .pdf
086 गगन धरती की मैं हलचल रहा हूँ – Copy.pdf
087 ग़म के दस्तरख्वान पर ख़ुशियाँ सजा सकता हूँ मैं.pdf
088 ग़म छुपाने में वक़्त लगता है.pdf
089 ग़म तेरा मुझे अपनों का अहसास दिलाये.pdf
090 ग़म बिछड़ने का नयन सहने लगे.pdf
091 गमले में तुलसी जैसी उगाई है ज़िन्दगी.pdf
092 ग़रीब लोगों की जां का मुआवज़ा क्या है.pdf
093 गर्दिश से निकल आया है किस्मत का सितारा -.pdf
094 गाँव ने दो गज़ की दूरी मान ली.pdf
095 गुज़़रे मौसम का पता सुर्ख़ लबों पर रखना.pdf
096 गुलबदन पर निख़ार का मौसम.pdf
097 घटा कर वो क़ीमत बताता रहा.pdf
098 घर के बाशिंदों की अनबन बढ़ गयी है.pdf
099 घर ग़रीबों का महल हो ये कहाँ मुमकिन है.pdf
100 घरों में और बाहर देखते हैं.pdf
101 चल बात कर.pdf
102 चले आओ.pdf
103 चाँद हुआ है रिश्तेदार.pdf
104 चिराग़ों को है आज आंधी का डर .pdf
105 छोड़ कर चल गयीं जहाँ फ़ानी.pdf
106 जब उदासी ने मेरे घर का ठिकाना ढूंढ़ा.pdf
107 जब कोरोना की सुई भली आ गयी.pdf
108 जब ज़ुल्फ़ तेरी मुझ पे बिखरती नज़र आये.pdf
109 जब तेरी बंदगी नहीं होती.pdf
110 जब फेंके कोई मुझ पे तेरे नाम का पत्थर.pdf
111 जब भी मिलता है कोई शख़्स अकेला मुझको.pdf
112 जब भी मैं उससे मिलने की लेकर दुआ गया.pdf
113 जब समुन्दर में सूरज कहीं सो गया.pdf
114 जब से इस दिल को भा गयी मिटटी -.pdf
115 जब से वो बाज़ार गया.pdf
116 जब से वह हो गई इक छैल छबीले से अलग.pdf
117 जल गये यादों के बामो-दर धूप में.pdf
118 जलसों में झूठा बोले.pdf
120 जामुन की शाख़ पर क भी झूला न डालिए.pdf
121 जामो-सुबू1 यूं ही नहीं ठुकराये हुये हैं.pdf
122 जिस तरफ़ सब गए.pdf
123 जिसे हमने फेंका उठाया भी है.pdf
124 जी हुजूरी करो.pdf
125 जुनूं की वादियों से दिल को लौटाना भी मुश्किल है.pdf
126 जुनू हूं, आशिक़ी हूं.pdf
127 जुर्म का इक़रार कर लूँ मुझको हिम्मत हो गयी.pdf
128 जुर्म है इश्क़ तो हां इसका खतावार हूं मैं.pdf
129 जो अब तक न पाया वो सब चाहिए.pdf
130 जो पल गुज़र गए उन्हें मुड़कर न देखिये.pdf
131 जो पागल कर दे वो अंगड़ाइयां हैं – Copy.pdf
132 जोबन के दरीचो पे कोई परदा नहीं था.pdf
133 जो समर्पित थे कल तक बदलने लगे.pdf
134 झूमती हर सुबह की खूं में नहाई शाम है.pdf
135 ज़ख़्म पर ज़ख़्म वह नया देगा.pdf
136 ज़रा ज़रा सी बात पर वो मुझसे बदगुमां रहे.pdf
137 ज़रुरियात की फ़ेहरिस्त वह दिखाता है.pdf
138 ज़हन की शाख़ पर ख्वाब फलते रहे.pdf
139 जि़ंदगी इन दिनों उदास कहॉ.pdf
140 ज़िन्दगी नाहक उदासी भर नहीं.pdf
141 ज़िन्दगी ये चार दिन की एक दिन भाया उन्हें.pdf
142 ज़ुल्फ़ गालों पे बिखरने को ग़ज़ल कहते हैं.pdf
143 टूटे हुये तारे का मुकद्दर हूं सद1 अ फ़्सोस2 – Copy.pdf
144 ठुकराओगे तो सोच लो पछताओगे बेशक – Copy.pdf
145 ठोकर में डाल कर ये ज़माने की दौलतें – Copy.pdf
146 डट के पीछे मेरे पड़ा है कोई – Copy.pdf
147 डिजिटल करे पढ़ाई ग़म- – Copy.pdf
148 डूबने वालों में उसका नाम है – Copy.pdf
149 तन की हसरत में अब उबाल नहीं – Copy.pdf
150 तन की ख़्वाहिश मन की लगन को सू-ए-हवस1 ले जायेगी – Copy.pdf
151 तबलीगी जमाती हैं तो जाहिल नहीं होंगे – Copy.pdf
152 तरन्नुम की मलिका से जिसने निबाही – Copy.pdf
153 तुझे मैं ख्वाबों का अलबम दिखा नहीं पाया – Copy.pdf
154 तुमसे मिलने का इरादा – Copy.pdf
155 तुमसे मैं मुझसे आशना तुम हो.pdf
156 तुम हमारे न हुए,कोई हमारा न हुआ.pdf
157 तुम्हारे लफ़्ज़ों को भावनाओं की पालकी में बिठा रहा हूँ.pdf
158 तुम्हारी यादों का सिलसिला हो.pdf
160 तू उधर था, इधर हो गया.pdf
161 तेरे ख़त जब भी मेरे नाम आए.pdf
162 तेरे बिस्तर पे कोई सोता है.pdf
163 तेरे वस्ल की शोख़ चाहत से पहले.pdf
164 तेरी यादों के दस्तावेज़ अल्बम से निकल आए.pdf
165 थी भीड़, एहतियात का गुलशन कहाँ मिला.pdf
166 दरख़्त फूल समर डाली शादमाँ देखूं.pdf
167 दर्द का लश्कर उधर तैयार है.pdf
168 दर्द की धुन पर ग़ज़ल है.pdf
169 दर्द की भाषा पढ़ो.pdf
170 दस्ते क़ातिल बेहुनर है आजकल.pdf
171 दाल रोटी और दवाई के सिवा क्या चाहिए.pdf
172 दिन को दिन लिखना, रात मत लिखना.pdf
173 दिन से डर कैसा हसीं रात से जी डरता है.pdf
174 दिल का मकान ग़म ने किराये पे ले लिया.pdf
175 दिल का मौसम ,तेरी गलियां,दिन सुहाने सोचकर.pdf
176 दिल की दुनिया हो गई जे़रो-ज़बर1.pdf
177 दिल की बस्ती में लूट पाट न कर.pdf
178 दिल बड़ा बेक़रार रहता है.pdf
179 दीवारों में दर होता है.pdf
180 दुज़दीदा निगाही से नहीं कोई शिकायत.pdf
181 दोस्त आओ तो सही.pdf
182 ध्वंस का वंध्याकरण अब कीजिए.pdf
183 धर्म संसद में शुरू हुईं गालियाँ.pdf
184 न कोई लाल-ओ-गौहर देखते हैं.pdf
185 नगर, गांव, बस्ती जलाने से बचिए.pdf
186 न चुप रह.pdf
187 नज़र से आरती तेरी उतारूं.pdf
188 न जो मिला वो ख़्वाब है.pdf
189 नशे में चूर होना चाहती है.pdf
190 ना-कर्दा गुनाहों की सज़ा काट रहे हैं.pdf
191 नाम यश डिग्री पता मान गए.pdf
192 नाम हूँ मैं , मेरा पता तुम हो.pdf
193 निगाहों में बसी है तेरी मूरत.pdf
194 नुक्रई1 उजाले पर सुरमई अंधेरा है.pdf
195 पत्थरों को आइना दिखला रहा है कोई शख़्स.pdf
196 प्रश्न हूं मैं, हल नहीं हूं.pdf
197 पलक झुका कर हामी भर.pdf
198 पहरे मंदिर पर देखो.pdf
199 पहुँच इक मुश्ते-खाकी1 की सितारों के जहां तक है.pdf
200 पाँच जी की ही चल रही है हवा-.pdf
201 पाँव बुजुर्गो के दाबे.pdf
202 पैरों में मेरे फर्ज की जंजीर पड़ी है.pdf
203 फ़्लैट पर धूप आती नहीं.pdf
204 फ़िक्र मेरी ले के शुहरत पा रहा है.pdf
205 फूल की पंखडियों को मसलेंगे.pdf
206 फूल को ख़ुशबू , सितारों को चमन हासिल हो.pdf
207 फूल ख़ुशबू से समाहित हो गए.pdf
208 बड़ी आसान क़िस्तों में चुका है.pdf
209 बड़े ही खूबसूरत हैं बड़े प्यारे, मज़े के दिन -.pdf
210 बदतर ही हालत किया.pdf
211 बदला बदला सा है मेरा दफ़्तर -.pdf
212 बरसों बाद ज़मानत पर है आई ग़ज़ल –.pdf
213 बल खाती मछलियां हैं, सफ़र चांदनी का है.pdf
214 बांहो में समुन्दर के दरिया का सिमट जाना.pdf
215 बाग़ में मिली बहार.pdf
216 बात दिलबर की दिलकशी की है.pdf
217 बारिश में भीगते हुये पास आया चल दिया.pdf
218 बिखरी हुई हयात1 से सिमटे लिबास थे.pdf
219 बेटियों की बहुत ज़रूरत है.pdf
220 बेटी पर सख्ती, बेटों को मस्ती के त्यौहार मिले.pdf
221 बे हद मालामाल हुआ.pdf
222 बेहुनर को सिखाया हुनर.pdf
223 भूल जाओ गया सो गया.pdf
224 मजदूरों के लिए कोई लारी न आएगी.pdf
225 मदिरा छलकाने आई.pdf
226 मये-गुलरंग1 का क़सूर नहीं.pdf
227 मुक़द्दर का सूरज घटाओं में था.pdf
228 मुजरिमों से मिले रह गए.pdf
229 मुझको निहारते रहे सामान की तरह .pdf
230 मुझसे मिल के वो क्यों इतना गदगद हुआ.pdf
231 मुझसे मिलता है अजनबी की तरह.pdf
232 मुझे ज़िन्दगी ने लुभाया बहुत.pdf
233 मुद्दतों बाद तेरी याद सुहानी आई.pdf
234 मुफ़्त मिली पहचान नहीं हूं.pdf
235 मुस्कराउंगा, गुनगुनाउंगा.pdf
236 मोहब्बतों के सफ़र में थकान थोड़े है।.pdf
237 मेरा हमनवा नहीं है.pdf
238 मेरी ग़ज़लों की रानी है जो उसकी बात ही क्या है.pdf
239 मेरी पलकों पे तेरे ग़म खज़ाने निकले.pdf
240 मेरे घर आई ख़ुशी -.pdf
241 मेरे दोस्त पल में ख़फ़ा हो गये.pdf
242 मेरे मंसूब होने के क़िस्से.pdf
243 मेरे सर की क़सम खाने लगा है .pdf
244 मेरे हमसफ़र .pdf
245 मेरी आँखों में आ गए आँसू-.pdf
246 मेरी सदाओं का सूरज बुझा बुझा सा था.pdf
247 मैं अपने होंठों की ताज़गी को तुम्हारे होंटों के नाम लिख दूँ.pdf
248 मै शहर मे पत्थर के हूं इक पैकरे-जज़्बात.pdf
249 मैं यजमान जबसे बना हूं.pdf
250 मैं समुंदर हूँ मुझको नदी चाहिए.pdf
251 मौज में आज है जलपरी.pdf
252 मौत की दहशत छाई है.pdf
253 मौत है नग़मासरा अब ज़िन्दगी ख़ामोश है.pdf
254 मौन हो.pdf
255 ये न कहिये भला नहीं होता.pdf
256 ये सच है कि सर धड़ से मेरा दूर हो गया.pdf
257 रंग उसका उड़ गया.pdf
258 रंगरलियाँ वो मनाने को तहख़ाने में मिले.pdf
259 रंजिशें उभरीं तअल्लुक़ 1 के सभी दरपन चनक कर रह गये.pdf
260 रहबरे – क़ौम, रहनुमा तुम हो.pdf
261 राज़ जो दिल में है चेहरे पे छुपाते क्यों हो.pdf
262 रात का क़िस्सा कहानी आधी रात.pdf
263 रात दिन उसको सोचना क्या है .pdf
264 रिश्ते रिसते रह जाते हैं.pdf
265 रिश्तों को मिस्मार किया.pdf
266 रिश्तों में पहले जैसी तमाज़त नहीं रही.pdf
267 रेत में कोई धार पानी की .pdf
268 रोज़ डूबे हुये सूरज को उगा देती है.pdf
269 रोज़ सोते हैं जाग जाते हैं.pdf
270 लगता है कुछ अच्छा दिल+.pdf
271 लफ़्ज़ बरते गए सलीक़े से.pdf
272 लफ्ज़ मैं और तुम मआनी हो.pdf
273 लम्स1 की आंधियों से जो डर जायेंगे.pdf
274 लमहाते- शाख़े-वक़्त ने क़ादिर बना दिया.pdf
275 लिबासे- जि़ंदादिली1 तार तार था कितना.pdf
276 वो जो घर था, तुम से ही था वो घर, तुम्हें याद हो कि न याद हो.pdf
277 वो रह – रह के अब याद आने लगे हैं.pdf
278 वो रूखे -शादाब है और कुछ नहीं.pdf
279 वह जो लगता था पयम्बर इक दिन.pdf
280 श्याम की टोली हो जा तू.pdf
281 शरीके ज़िन्दगी हूँ.pdf
282 शहर दर शहर भर गया पानी .pdf
283 शह्र से लाज का अपहरण हो गया.pdf
284 शाम हुई क़िस्तों में बिखरते सूरज का मंज़र1 उभरा.pdf
285 शुक्रिया.pdf
286 समुन्दर में बेचैन हैं मछलियाँ.pdf
287 सर्द है रात, सुलगती हुई तन्हाई है.pdf
288 सवाल आँखों से कर रहा हूँ, जवाब पलकों से दे रही है.pdf
289 सहमी सहमी हुई तस्वीर लिये बैठे हैं.pdf
290 साजन से मिल आई धूप.pdf
291 सामने तुम हो, सामने हम है, बीच में शीशे की दीवार.pdf
292 साथ चलने की तमन्ना दिल में है.pdf
293 साहिबा को सलाम है साहिब.pdf
294 सितारों भरा जग दुलारा गगन-.pdf
295 सिर्फ़ अदहन में है उबलती आग -.pdf
296 सुनहरी यादों के जंगल में खो गई होगी.pdf
297 सुनी है सभी की मगर की है मन की.pdf
298 हट उधर चल.pdf
299 हम खाक नशीनों को अब आराम नहीं है.pdf
300 हर आदमी दुख दर्द में ग़लतां1 नज़र आया.pdf
301 हर ऑफिस में एक सा मंज़र.pdf
302 हर दम दिल के आंगन मे ली गम ने ही अंगड़ाई.pdf
303 हर पल संवरने सजने की फुरसत नहीं रही.pdf
304 हर शहर गाँव कसबे पे यूँ मेहरबां हुआ.pdf
305 हरी पत्तियों पर फिसलती रही.pdf
306 हवा की चिराग़ों से है दोस्ती.pdf
307 हुस्न है दिलकश तबाही इश्क़ को मंजूर है.pdf
308 हुनर पैरवी का सिखाते हमें.pdf
309 हैं अपने सम्बन्ध यथावत.pdf
310 है बात जब कि जलती फ़ज़ा1 में कोई चले.pdf
311 है मुहब्बत जो तेरे दिल में वही इस दिल में है.pdf
312 होंठों पर पहरे हैं.pdf
313 हौसलों के नगर में रहे.pdf