• February 8, 2022

श्रद्धा के दो फूल मेरे – ‘रमेश ‘कँवल

श्रद्धा के दो फूल मेरे – ‘रमेश ‘कँवल

श्रद्धा के दो फूल मेरे – ‘रमेश ‘कँवल 150 150 Ramesh Kamal

फ़ाइलातुन मफ़ाइलुन फ़ैलुन

छोड़ कर चल गयीं जहाँ फ़ानी
गीत संगीत  की महारानी

आप मलिका थीं ताल सुर लय की
आपके दम से थी ग़ज़ल ख्वानी

वो भजन हो कि गीत नग्मा हो
आपका है कहाँ कोई सानी

मंत्र हों या हो राम शिव की कथा
गूँजे मंदिर में  आपकी वाणी

गीत दर्दीले हों कि खुशियों के
आप सारी धुनों की हैं रानी

संत योगी जवान बच्चे क्या
(आपको गायें दादी और नानी*

आप मंज़िल थीं गायिकाओं की
सब ने बनने की आप सा ठानी

आप क्रिकेट की फैन थीं, सच है
सारी दुनिया ने बात यह मानी

हैं अक़ीदत के फूल पेश ‘कँवल’
आपके क़दमों में   महारानी

7 फ़रवरी,2022