फ़ा इ ला तुन म फ़ा इ लुन फ़े लुन
रेत में कोई धार पानी की
है कहानी सराए-फ़ानी की
खुदकशी के घने अँधेरों में
ज़िन्दा रहने की तर्जुमानी की
उनकी गलियों में बे सबब गुज़रा
रायगाँ हम ने ज़िन्दगानी की
झूठ के पाँव थे उखड़ने पर
हार कर उसने हक़ बयानी की
हौसलों के महल हुए वीराँ
आग मद्धम हुई जवानी की
कोई राजा न कोई रा नी है
कुछ अलग बात है कहानी की
वायदों की जमात सड़कों पर
बात है सिर्फ़ गुलफ़िशानी की
कुछ न रक्खा ख्याल सेहत का
दूरियों की न क़द्र दानी की
वो ‘कँवल’ से निबाहते कैसे
तल्ख़ तर उसने खुशबयानी की
18 अक्टूबर,2020
Qaumi Tanzeem ,Patna men 14 november 2020 ko shayaa