ज़िंदगी इन दिनों उदास कहाँ तुझ से मिलने की दिल में आस कहाँ मौसमों में गुलों की बास कहाँ मुफ़्लिसी मेरी ख़ुश-लिबास कहाँ लॉन से फूल पतियाँ ओझल तेरी यादों की नर्म घास कहाँ रतजगा फूल तारे चाँद हुआ नींद बिस्तर के आस-पास कहाँ अपनों के दरमियान सलामत नहीं रहे जनवरी 2, 2020 Next Post इक नशा सा ज़ेहन पर छाने लगा जनवरी 2, 2020 Previous Post Leave a Comment Cancel ReplyComment* Name* Email * Website अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें। https://youtu.be/zLCTKBcOIWoNew Book Out (Buy on Amazon) GHAZAL जनवरी 2020 दिसम्बर 2019