January 3, 2021
मैं अपने होंठों की ताज़गी को तुम्हारे होंटों के नाम लिख दूँ हिना से रोशन हथेलियों पर नज़र के दिलकश पयाम लिख दूँ अगर इजाज़त हो जाने-मन तो किताबे-दिल के हर इक वरक़ पर मैं सुबहे-काशी की रौशनी में अवध की मस्तानी शाम लिख दूँ बदन पे सावन की है इबारत, नज़र में…